A REVIEW OF रंगीला बाबा का खेल

A Review Of रंगीला बाबा का खेल

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हरियाणा विधानसभा चुनाव: आंकड़ों से समझिए कैसे कांग्रेस से आगे निकली बीजेपी

नोएल टाटा होंगे टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन

मरक़ए दिल्ली में लिखा है, "जिस किसी को उसकी महफ़िल का चस्का लगा उसका घर बर्बाद हुआ और जिस दिमाग़ में उसकी दोस्ती का नशा समाया वो बगुले की तरह चक्कर काटता रहता.

देर रात बीजेपी विधायक ने इस बात पर दे दिया इस्तीफा, सागर की देवरी विधानसभा का मामला

क्या मुग़ल सल्तनत के रंगीला बाबा का खेल पतन की सारी ज़िम्मेदारी मोहम्मद शाह पर डाल देना सही है? हमारे ख़्याल से ऐसा नहीं है.

सरसों, सूर्यमुखी और जैतून को भी फेल कर देगी ये फसल, बलुई-दोमट मिट्टी में होती है खेती, अक्टूबर में बोई जाती है

शोभा दीपक सिंह ने सेट, एनिमेशन, कपड़े और आभूषणों का पुनर्निर्माण और डिज़ाइन भारतीय शिल्प कौशल के अनुसार ही किया है. जो परंपरा को आधुनिकता के बीच एक पुल की तरह स्थापित है. इस बारे में शोभा दीपक सिंह कहती हैं, "श्री राम’ केवल रामायण का पुनर्कथन नहीं है.

अद्भुद है 'श्रीराम' नृत्य नाटिका का इतिहास

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कासगंज के बहादुरनगर स्थित पटियाली गांव में बाबा का भव्य आश्रम है. इसी गांव में बाबा का जन्म हुआ था. यहीं से बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई थी. बाबा का सबसे पुरान आश्रम

अब किसी का कोई और परिचय था ही नहीं, वहां हर बाला सीता थी और हर बच्चा राम था. 'सिया राम मैं सब जग जानी...' को मंच पर एक नाटिका के जरिए जीवंत होते देखा जा सकता था.

वो कहते हैं कि औरंगज़ेब के दौर में जब संगीत पर पाबंदी लगी तो गवैयों और संगीतकारों की रोज़ी-रोटी बंद हो गई.

उसी दौर की दिल्ली में एक तरफ़ मीर दर्द की ख़ानक़ाह हैं, वही मीर दर जिन्हें आज भी उर्दू का सबसे बड़ा सूफ़ी शायर माना जाता है. उसी अहद में मीर हसन परवान चढ़े जिन की मसनवी 'सहर-उल-बयान' आज भी अपनी मिसाल आप है.

करनाल के मैदान में सिर्फ़ तीन घंटों में फैसला हो गया और नादिर शाह मोहम्मद शाह को क़ैदी बनाकर दिल्ली के विजेता की हैसियत से शहर में दाख़िल हुआ.

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